वर्ष 1999 में ज़ीन्यूज में काम करते हुए पहली बार इंटरनेट के संपर्क में आया। तब तक हिन्दी की बहुत कम वेबसाइटें हुआ करती थीं। जो थीं भी, उनके फॉन्ट स्थिर यानी स्टेटिक हुआ करते थे। अर्थात हिन्दी में साइट देखने के लिए पहले उसके फॉन्ट डाउनलोड करने होते थे, तब जाकर आप उसकी विषय-सामग्री को पढ़ पाते थे। यह देखकर मन में एक कसक-सी रह जाती थी। काश हिन्दी भी तकनीकी तौर पर इतनी ही उन्नत होती! हिन्दी में एक समग्र वेबसाइट बनाने की चाहत बार बार हिलोरें मारती थी। गागर डॉट कॉम नाम से रजिस्टर भी कारवाई। प्रस्ताव भी बनाया। लेकिन खर्चे का अनुमान लगाकर देखा तो हिम्मत जवाब दे गई। कई संस्थाओं और व्यक्तियों से बात...
वर्ष 1999 में ज़ीन्यूज में काम करते हुए पहली बार इंटरनेट के संपर्क में आया। तब तक हिन्दी की बहुत कम वेबसाइटें हुआ करती थीं। जो थीं भी, उनके फॉन्ट स्थिर यानी स्टेटिक हुआ करते थे। अर्थात हिन्दी में साइट देखने के लिए पहले उसके फॉन्ट डाउनलोड करने होते थे, तब जाकर आप उसकी विषय-सामग्री को पढ़ पाते थे। यह देखकर मन में एक कसक-सी रह जाती थी। काश हिन्दी भी तकनीकी तौर पर इतनी ही उन्नत होती! हिन्दी में एक समग्र वेबसाइट बनाने की चाहत बार बार हिलोरें मारती थी। गागर डॉट कॉम नाम से रजिस्टर भी कारवाई। प्रस्ताव भी बनाया। लेकिन खर्चे का अनुमान लगाकर देखा तो हिम्मत जवाब दे गई। कई संस्थाओं और व्यक्तियों से बात...
उत्तराखंड आज यानि नौ नवम्बर को अपने जीवन के 25वें वर्ष में कदम रख रहा है। यह क्षण हम जैसे उन असंख्य लोगों के लिए निस्संदेह एक भावुकता भरा क्षण है, जिन्होंने इस राज्य के निर्माण में थोड़ा-सा भी योगदान किया है। 1980 के आसपास विभिन्न चरणों में हुए पृथक राज्य आंदोलन की झलकियाँ एक के बाद एक आँखों के सामने तैर रही हैं। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि ये सपना इतनी जल्दी साकार हो जाएगा और देखते ही देखते 25वें पायदान पर कदम रखेगा। वास्तव में हर उत्तराखंडी के जीवन में यह एक महत्वपूर्ण दिन है। एक नए संकल्प का दिन है।
यों आदमी के जीवन में 25 साल का विशेष महत्व होता है। वह बचपन...